Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2023 · 1 min read

ख्वाब हो गए हैं वो दिन

ख्वाब हो गए हैं वो दिन

जब हम सब बेफिक्रहुआ करते थे

….

ख्वाब हो गए हैं वो दिन

जब हम एक दूसरे के लिए

दर्द को बांट लिया करते थे

दिल की बात कह कर

दिल का बोझ

हलका कर लिया करते थे

ख्वाब हो गए वो दिन

जब किसी के पास

कुछ नहीं था….पर

अपनो को अपनो के

लिए वक्त था

उनका

ख्यालथा

अन पर ऐतबार था

उन से प्यार था

ख्वाब हो गए वो दिन

जब फेसबुक

WhatsAppइंस्टाग्राम नही था

मगर दिलो का दिलो से

एहसास का रिश्ता उन को….. जोड़े

रखता था..

ख्वाब हो गए वो दिन

जब हिचकी आने पर

सोचा जाता था केज़ुरूर किसी ने

शायद याद किया है

और सचमुच उसका नाम

लेने पर रुक जाती थी हिचकिया

ख्वाब हो गए वो दिन जब

बढ़ो की बात छोटे मान

लिया करते थे

जब छोटो के नखरो

और बढ़ो का बदप्पन

का एक तालमेल हुआ करता था..इन सब के

बीच जिंदगी कितनी आसान हुआ करती थी………..

सोशल मीडिया ऐसे

सब के दिमाग में

घुसा के कोई किसी का ना रहा…..

हर रिश्ता कांचकी तरह टूट गया…

और ये टूटे हुए टुकड़े कांच के

दिलो में चुभते है

लहू बन के टपकते है……

सब जीते हैं

सब मरते…… है

मगर तौबा नहीं करते है

लोगो की जिंदगी

लोगो ने ही ज़हर घोला है

चेहरे इं

सुनो जीना भी एक आर्ट है….shabinaZ

1 Like · 222 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from shabina. Naaz
View all

You may also like these posts

"धरती"
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी में अगर आपको सुकून चाहिए तो दुसरो की बातों को कभी दिल
जिंदगी में अगर आपको सुकून चाहिए तो दुसरो की बातों को कभी दिल
Ranjeet kumar patre
तेरी मधुर यादें
तेरी मधुर यादें
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मेरे भोले भण्डारी
मेरे भोले भण्डारी
Dr. Upasana Pandey
नशा होश,जोश और रोष का बाप है।
नशा होश,जोश और रोष का बाप है।
Rj Anand Prajapati
ज़माने के ख़िलाफ़
ज़माने के ख़िलाफ़
Shekhar Chandra Mitra
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय प्रभात*
हिन्दी भारत का उजियारा है
हिन्दी भारत का उजियारा है
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
भावो का अंजन किया ,दृग से दृग संधान ।
भावो का अंजन किया ,दृग से दृग संधान ।
S K Singh Singh
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
हर एक रास्ते की तकल्लुफ कौन देता है..........
दीपक बवेजा सरल
पहाड़ गुस्से में हैं
पहाड़ गुस्से में हैं
सोनू हंस
सत्य का संधान
सत्य का संधान
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जीव-जगत आधार...
जीव-जगत आधार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ
मंज़िल मिली उसी को इसी इक लगन के साथ
अंसार एटवी
बिटिया प्यारी
बिटिया प्यारी
मधुसूदन गौतम
ये भी क्या जीवन है,जिसमें श्रृंगार भी किया जाए तो किसी के ना
ये भी क्या जीवन है,जिसमें श्रृंगार भी किया जाए तो किसी के ना
Shweta Soni
मौन
मौन
निकेश कुमार ठाकुर
जिन्दगी एक अनकही दास्तान '
जिन्दगी एक अनकही दास्तान '
Karuna Bhalla
हर ज़ुल्म सितम की अब दीवार गिरा दो तुम,
हर ज़ुल्म सितम की अब दीवार गिरा दो तुम,
Neelofar Khan
एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
एक राखी बाँधना स्वयं की कलाई में
Saraswati Bajpai
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
दुखा कर दिल नहीं भरना कभी खलिहान तुम अपना
Dr Archana Gupta
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
डॉ. नामवर सिंह की दृष्टि में कौन-सी कविताएँ गम्भीर और ओजस हैं??
कवि रमेशराज
भुलाना हमारे वश में नहीं
भुलाना हमारे वश में नहीं
Lodhi Shyamsingh Rajput "Tejpuriya"
अभिमान
अभिमान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रूह की चाहत🙏
रूह की चाहत🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मित्रता आवश्यक है
मित्रता आवश्यक है
पूर्वार्थ
*श्री शक्तिपीठ दुर्गा माता मंदिर, सिविल लाइंस, रामपुर*
*श्री शक्तिपीठ दुर्गा माता मंदिर, सिविल लाइंस, रामपुर*
Ravi Prakash
विदाई गीत
विदाई गीत
Suryakant Dwivedi
अधरों ने की  दिल्लगी, अधरों  से  कल  रात ।
अधरों ने की दिल्लगी, अधरों से कल रात ।
sushil sarna
Loading...