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16 Jul 2023 · 1 min read

एक प्यार का नगमा

क्यों प्रेम विरह में, हम सताये जा रहे हैं
एक प्यार का नगमा, हम गाये जा रहें हैं।

मौसम कभी ना कभी, बदल ही तो जायेगी
जवानी कभी ना कभी, ढल ही तो जायेगी
जीवन को उलझन में, उलझाये जा रहे हैं
एक प्यार………….

प्रेम तो सबको, किसी ना किसी से होता ही है
प्रेम को निभाना भी, तो कठिन होता ही है
फिर क्यों एक दूजे से, लड़ाए जा रहे हैं।
एक प्यार……………..

सही गलत तो सब, सोचते समझते भी हैं
फिर अपने आप को, क्यूं नही बदलते भी हैं
बस यूं ही जीवन को, गवाए जा रहे हैं।
एक प्यार…………..

✍️ बसंत भगवान राय

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