Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jul 2023 · 1 min read

बदल जाए तो फितरत कहां

सूर्य उदय होत है ले सिन्दूरी स्वर्णिम आभा
पावन सरयू में स्नान करत ऋषि मंत्र जापा

दे सूर्य अर्ध्य खोले चक्षु पड़ी नजर औचक
अधमरा सा बहत जात जल धारा में वृश्चिक

नद्य धार संग बहत जात उलटत पलटत
जप तप त्यागा प्राण रक्षा हेतु तैरे झटपट

पाये ऋषि कर स्पर्श वृश्चिक दिनो डंक चुभाए
हस्त छिटके जोर से मुख से निकलत हाय

पुनः करे प्रयास वृश्चिक पुनः देय डंक चुभाए
वेदना औ मुस्कान दोउ ऋषि मुख पर देत दिखाएं

सब कुछ देखत रहे उनके शिष्य अज्ञानी
डसत बारंबार फिर काय बचात प्राण बोले ऐसी बानी

निकरे जात प्राण फिरउं न त्यागत आपन फितरत
पाओ जन्म जनकल्याण को जात मानुष बिसरत

लहू-लुहान हस्त कमल से वृश्चिक लियो उठाए
रख दियो धरा पर प्रेम से डूबत लियो बचाए

संकट में है प्राण तबहु न वो फिरे फितरत से
कैसे त्यागूं मैं पर जीव रक्षा की हसरत को

सुन उत्तर गुरु का शिष्य भये मौन
गुपचुप देखत “अचला” फितरत बदले कौन-कौन

पुष्पा सिंह “अचला”

2 Likes · 469 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

પૃથ્વી
પૃથ્વી
Otteri Selvakumar
"" मामेकं शरणं व्रज ""
सुनीलानंद महंत
!! स्वच्छता अभियान!!
!! स्वच्छता अभियान!!
जय लगन कुमार हैप्पी
कुछ दबी हुई ख्वाहिशें
कुछ दबी हुई ख्वाहिशें
हिमांशु Kulshrestha
एक भगाहा
एक भगाहा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
🙏 गुरु चरणों की धूल 🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मंजुल प्रभात
मंजुल प्रभात
Dr Nisha Agrawal
व्यवस्था परिवर्तन
व्यवस्था परिवर्तन
Nafa Singh kadhian
पुरुष प्रधान समाज को गालियां देते हैं
पुरुष प्रधान समाज को गालियां देते हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
4912.*पूर्णिका*
4912.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" रंगरेज "
Dr. Kishan tandon kranti
दशहरे पर दोहे
दशहरे पर दोहे
Dr Archana Gupta
किसी का साथ देना सीखो
किसी का साथ देना सीखो
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
दु:ख का रोना मत रोना कभी किसी के सामने क्योंकि लोग अफसोस नही
Ranjeet kumar patre
संवेदना(सहानुभूति)
संवेदना(सहानुभूति)
Dr. Vaishali Verma
जिसने अपने जीवन में दुख दर्द को नही झेला सही मायने में उसे क
जिसने अपने जीवन में दुख दर्द को नही झेला सही मायने में उसे क
Rj Anand Prajapati
" बोलती आँखें सदा "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
कौन हो तुम मेरे?
कौन हो तुम मेरे?
Jyoti Roshni
कुंडलिया
कुंडलिया
sushil sarna
उम्र के उस पड़ाव पर पहुंचे जब किसी के साथ की बेहद जरूरत होती
उम्र के उस पड़ाव पर पहुंचे जब किसी के साथ की बेहद जरूरत होती
Rekha khichi
“पथ रोके बैठी विपदा”
“पथ रोके बैठी विपदा”
Neeraj kumar Soni
समझे नहीं संदेश
समझे नहीं संदेश
shaguphtarehman70
"एक सुखद एहसास है मां होना ll
पूर्वार्थ
मदांध सत्ता को तब आती है समझ, जब विवेकी जनता देती है सबक़। मि
मदांध सत्ता को तब आती है समझ, जब विवेकी जनता देती है सबक़। मि
*प्रणय प्रभात*
लड़कियां
लड़कियां
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
संघर्ष ,संघर्ष, संघर्ष करना!
Buddha Prakash
*Flying in the Sky*
*Flying in the Sky*
Veneeta Narula
दोहा मुक्तक - देश
दोहा मुक्तक - देश
Sudhir srivastava
प्रथम अमृत स्नान का महत्व
प्रथम अमृत स्नान का महत्व
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
गीत- लगें कड़वी मगर बातें…
गीत- लगें कड़वी मगर बातें…
आर.एस. 'प्रीतम'
Loading...