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13 Jul 2023 · 1 min read

कोई पूछे तो

कोई पूछे तो ,बस हम मुस्करा देते हैं।
बस ऐसे ही ग़म,हम अपने छुपा लेते हैं।

आदत होती है लोगों को तो कुरेदने की,
एक अश्क हम आंखों से गिरा देते हैं।

कोई देख ले ग़र ,उदासी मेरे चेहरे पर
बातों बातों में ,नया उन्वान बना देते हैं।

खैर अच्छा हुआ ,जो ग़ैर हो गये हैं वो
बेवफा बन कर,नया सबक सिखा देते हैं।

बात इतनी थी, कि मारे गये जवानी में
लोग हर रोज नया किस्सा सुना देते हैं।

सुरिंदर कौर

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