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13 Jul 2023 · 1 min read

शंभु जीवन-पुष्प रचें....

शंभु जीवन-पुष्प रचें, गौरा पूरें गंध।
दोनों के सहयोग से, सम्पूरित मृदु बंध।।

करुणा के आगार शिव, मन मेरा कविलास।
हृदय-कमल में वास हो, रहें नित्य ही पास।।

हो देवों के देव तुम, नहीं आदि-अवसान।
करो कृपा निज भक्त पर, आशुतोष भगवान।।

सार तुम्हीं संसार के, करुणा के अवतार।
मन को निर्मल शुद्ध कर, हरते सभी विकार।।

महिमा भोलेनाथ की, अगजग में है व्याप्त।
जो भी जो कुछ माँगता, हो जाता वह प्राप्त।।

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद

चित्र गूगल से साभार

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