Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2023 · 1 min read

#कबित्त


● मेरी मातृभाषा पंजाबी और राष्ट्रभाषा हिन्दी है ; मैं दोनों भाषाओं में लिखता हूँ । प्रस्तुत रचना पंजाबी भाषा में है । ●

★ #कबित्त ★

ठीया नहीं वणज वपार दा
दिल घर है मेरे यार दा
मरज़ी दा मालक है यार मेरा
मालक सारे संसार दा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . .

वाढी मगरों लग्गियां ने इक्को जेहियां ढेरियां
चीचो-चीच गंढेरियां
दो तेरियां दो मेरियां
एक्का दूजा रूप है सच्ची सरकार दा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . .

कौण लगावे कौण बुझावे
कौण विगाड़े कौण बणावे
ओधरों कड्ढे एधर पावे
एह कंम है सब करतार दा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . .

वड्डयां दी विच उडीकां रहिए जी
जी आयां नूं कहिए जी
ढुक गोडे नाल बहिए जी
चरनां दी सेवा सुख मंनिए संसार दा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . .

मेरा होवे जां तेरा होवे
अगला हर दिन सुनहरा होवे
दिलां ते न कोई पहरा होवे
तेरा-मेरा दिल एहो पुकारदा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . .

पक्खे दी गोली है पौण
खून दे रिश्ते वड्ढे कौण
अक्खां चों सुरमा कड्ढे कौण
अक्खीं डिट्ठी मक्खी नहीं कोई डकारदा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . .

कविता छड्ड मैं कहे कबित्त
झूठे न होवण किसे दे मित्त
अखीर होसी सच दी जित्त
विच चुराहे फुट जाऊ भांडा झूठे परचार दा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . .

‘वेद’ विचारे नूं वडयाये कौण
डिग्गे नूं भुंजयों चाये कौण
रोंदे नूं चुप कराए कौण
कौण जो सांभे मौका बनण सरदार दा

ठीया नहीं वणज वपार दा . . . . . ।

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०१७३१२

Language: Punjabi
164 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

नारी
नारी
MUSKAAN YADAV
हर बात छुपाने की दिल से ही मिटा देंगे ....
हर बात छुपाने की दिल से ही मिटा देंगे ....
sushil yadav
बसंत
बसंत
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
मन की गांठ
मन की गांठ
Sangeeta Beniwal
प्रकृति के आगे विज्ञान फेल
प्रकृति के आगे विज्ञान फेल
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
"दोचार-आठ दिन की छुट्टी पर गांव आए थे ll
पूर्वार्थ
प्रेम क्या है?
प्रेम क्या है?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
हँसने वाले हँसते रहते
हँसने वाले हँसते रहते
संजय निराला
तुम्हारे लिए : हरवंश हृदय
तुम्हारे लिए : हरवंश हृदय
हरवंश हृदय
मुहब्बत सचमें ही थी।
मुहब्बत सचमें ही थी।
Taj Mohammad
जागृति
जागृति
Shyam Sundar Subramanian
22)”शुभ नवरात्रि”
22)”शुभ नवरात्रि”
Sapna Arora
इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,
इक नई सी दस्तक मेरे दिल में हर रोज़ होती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
विश्वासघात
विश्वासघात
लक्ष्मी सिंह
sp46 खड़े से खाई के आगे सांसों का सफर
sp46 खड़े से खाई के आगे सांसों का सफर
Manoj Shrivastava
*ज्ञानी (बाल कविता)*
*ज्ञानी (बाल कविता)*
Ravi Prakash
दोहा पंचक. . . . मतभेद
दोहा पंचक. . . . मतभेद
sushil sarna
चाय!
चाय!
Kanchan Alok Malu
😢महामूर्खता😢
😢महामूर्खता😢
*प्रणय प्रभात*
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लौट आओ तो सही
लौट आओ तो सही
मनोज कर्ण
भूलने दें
भूलने दें
Dr.sima
इन हसीन वादियों में _ गुजर गए कितने ही साल ।
इन हसीन वादियों में _ गुजर गए कितने ही साल ।
Rajesh vyas
ज़ख्म आज भी
ज़ख्म आज भी
हिमांशु Kulshrestha
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
कदम बढ़ाकर मुड़ना भी आसान कहां था।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
3797.💐 *पूर्णिका* 💐
3797.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
डर
डर
Girija Arora
Yearndollラブドール
Yearndollラブドール
shop nkdoll
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
Loading...