वह एक वस्तु,

वह एक वस्तु,
वह एक भाव,
जिसकी इच्छा में
राजकुमारी महलों की
हो ली औघड़दानी
शिवशंकर की,
वह प्रेम रहा था,
और नहीं कुछ भी।
वह एक वस्तु,
वह एक भाव,
जिसकी इच्छा में
राजकुमारी महलों की
हो ली औघड़दानी
शिवशंकर की,
वह प्रेम रहा था,
और नहीं कुछ भी।