डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक

डॉ अरुण कुमार शास्त्री – एक अबोध बालक
🤣
नहा धोकर
सुनी जब
शायरी मेरी
उस बेदर्द ने
लगा कर पाउडर
खुशबू बिखेरी
फिजाँ में
उस हसीन ने
महक रहा है
मंच तबसे
रात की रानी
की खुशबू से
अजब सी रागिनी
बिखेरी उस बेदर्द ने