Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2023 · 1 min read

खेत खाए गदहा, मार खाए जोलहा / MUSAFIR BAITHA

जुलाहा जाति की मानहानि करती एक प्रसिद्ध कहावत उन्हीं की मान-रक्षा (!) में यों है : खेत खाए गदहा, मार खाए जोलहा। अम्बेडकर के obc आलोचकों पर शायद यह कहावत कहीं न कहीं चस्पां होती है!

संविधान सभा निर्माण समिति में 389 सदस्य थे जिसमें सबसे दबंग और बड़ा obc नाम लौहपुरुष संज्ञा से विख्यात सरदार वल्लभ भाई पटेल का था। वे मूलभूत अधिकारों, अल्पसंख्यक और कबाइली क्षेत्रों की सलाहकार समिति के अध्यक्ष थे। संविधान के निर्माण और भारत को आजादी के बाद एक झंडे के तले लाने में इनकी भूमिका सर्वोपरि है। आजादी के समय हमारा देश अलग-अलग रियासतों में बंटा था और सरदार पटेल ने इन्हें एकजुट किया।

जो obc बाबा साहेब अंबेडकर की पिछड़ों के प्रति कथित अन्यमनस्कता से परेशान हैं वे संविधान में obc हित के डाइरेक्ट एड्रेस नहीं हो पा सकने के लिए पटेल साहेब को किस बिना पर क्लीन चिट देते हैं?क

370 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr MusafiR BaithA
View all

You may also like these posts

"फलों की कहानी"
Dr. Kishan tandon kranti
जुदाई
जुदाई
Davina Amar Thakral
*****सूरज न निकला*****
*****सूरज न निकला*****
Kavita Chouhan
*मितव्ययी व्यक्ति सुख में रहता, साधारण जीवन जीता है (राधेश्य
*मितव्ययी व्यक्ति सुख में रहता, साधारण जीवन जीता है (राधेश्य
Ravi Prakash
क्यो परदेशी होती हैं बिटिया
क्यो परदेशी होती हैं बिटिया
लक्ष्मी सिंह
*तू नहीं , तो  थी तेरी  याद सही*
*तू नहीं , तो थी तेरी याद सही*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कुछ लिखूँ ....!!!
कुछ लिखूँ ....!!!
Kanchan Khanna
सावन
सावन
Neha
चलो ऐसा करते हैं....
चलो ऐसा करते हैं....
Meera Thakur
मातृ पितृ पूजन दिवस
मातृ पितृ पूजन दिवस
Santosh kumar Miri "kaviraj"
ठाट-बाट
ठाट-बाट
surenderpal vaidya
3301.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3301.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
राम रहीम और कान्हा
राम रहीम और कान्हा
Dinesh Kumar Gangwar
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
जब कभी परछाई का कद
जब कभी परछाई का कद
Manoj Shrivastava
*
*"देश की आत्मा है हिंदी"*
Shashi kala vyas
दुश्मन उसके बाढ़ और सूखा
दुश्मन उसके बाढ़ और सूखा
Acharya Shilak Ram
जीवन में आगे बढ़ जाओ
जीवन में आगे बढ़ जाओ
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
जुबां
जुबां
Sanjay ' शून्य'
तुम
तुम
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
गीत- मुझे तू छोड़ जाएगी...
गीत- मुझे तू छोड़ जाएगी...
आर.एस. 'प्रीतम'
आत्मघात क्यों?
आत्मघात क्यों?
*प्रणय प्रभात*
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
आप की डिग्री सिर्फ एक कागज का टुकड़ा है जनाब
शेखर सिंह
कान्हा
कान्हा
Ayushi Verma
तेवरी-आन्दोलन परिवर्तन की माँग +चरनसिंह ‘अमी’
तेवरी-आन्दोलन परिवर्तन की माँग +चरनसिंह ‘अमी’
कवि रमेशराज
Easy is to judge the mistakes of others,
Easy is to judge the mistakes of others,
पूर्वार्थ
मैडम
मैडम
अवध किशोर 'अवधू'
2122 1122 1122 22
2122 1122 1122 22
sushil yadav
क्या वाकई हिंदुस्तान बदल रहा है?
क्या वाकई हिंदुस्तान बदल रहा है?
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
उल्फ़त का  आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
उल्फ़त का आगाज़ हैं, आँखों के अल्फाज़ ।
sushil sarna
Loading...