Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
3 Jul 2023 · 1 min read

दोहे

नमन मंच 🙏🏻🌹🙏🏻
गुरु पूर्णिमा पावन पर्व की अनंत मंगलमय बधाई 🌹🙏🏻🌹
पटल के सभी श्रेष्ठी को यथायोग्य सादर प्रणाम 🙏🏻🙏🏻

गुरु की ऊर्जा सूर्य सी, अम्बर सा विस्तार।
गुरु पथ शीतल स्रोत सा, हृदय सुधा रस धार।।

गुरु पद पंकज नील से, गिरा गहन गंभीर।
गुरु कर पारस शैल से, नयन करूणा क्षीर।।

गुरुवर दाता मोक्ष के, बंधन तारण हार।
कर्म पंथ को प्रशस्त कर, भव से करते पार।।

गुरु के चरण पखारिए, गुरु पद रखिए शीश।
गुरु शुचि ज्ञान प्रसाद से, मिलते अविरत ईश।।

पावन गुरु सानिध्य से, जगे भाग्य अमि धार।
गुरु पथ दर्शन दीप्ति शुभ, ज्ञान नाद झंकार।।

भूल भरम कंटक हरे, गुरु समर्थ बलवान।
हारे को सत राह दे, भव में गुरु भगवान।।

पीड़ा गहन उबारिए, गुरु सामर्थ्य अपार।
अंध कूप भव की नदी, विकट समय की धार।।

गुरु चरणों में वंदना, नत सिर बारम्बार।
उदित भानु गुरु ओज में, पले सकल संसार।।

तन-मन मिट्टी अनगढ़ी, गुरु दे दो आकार।
ज्ञान दीपिका लौ जला,प्राण करूँ बलिहार।।

संतोष सोनी “तोषी”
जोधपुर ( राज.)
03/07/23

Loading...