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3 Jul 2023 · 1 min read

शेरे-पंजाब

राजा जी रणजीत सिंह, है शेरे-पंजाब
भारतीय इतिहास के, चमकते आफ़ताब //1.//

कोहिनूर हीरा रहा, महाराज की शान
हरेक दिल में था इसे, पाने का अरमान //2.//

संधवालिया वंश के, आप रहे सिरमौर
अंग्रेज़ न फटके वहाँ, राज किया जिस दौर //3.//

महासिंह राजकौर के, घर जन्में रणजीत
भागे अफ़गान सब, पश्तून लिया जीत //4.//

संगठित हुई ख़ालसा, ताक़तवर सरदार
पंजाब शक्ति केन्द्र था, दमदार असरदार //5.//

पेशावर-पश्तून पर, जमा लिया अधिकार
राज ग़ैर-मुस्लिम किया, कोई पहली बार //6.//

जीते ना पंजाब बस, बाक़ी हिन्द हमार
जे टी व्हीलर ने लिखा, ब्रिटिश इतिहासकार //7.//

गुजरांवाला हिन्द में, जब जन्में रणजीत
था क़ब्ज़ा अफ़ग़ान का, कहीं सिखों की जीत //8.//

मिसलों में बांटा कई, एकमात्र पंजाब
हार गये अफ़ग़ान जब, राज किये सिंह साब //9.//

चेचक के कारण हुई, एक आँख बेकार
लेकिन छवि थी आपकी, आला-ओ-दमदार //10.//

छुटपन में खोये पिता, थे जब बारह वर्ष
राजपाट का बोझ तब, कंधे लिया सहर्ष //11.//

दिन बारह अप्रैल का, अट्ठारह सौ एक
‘महाराज’ कहलाय सिंह, हर्षित हुए अनेक //12.//

गुरु वंशज ने हाथ से, पहनाया था ताज
धार्मिक रिवाज़ से हुए, सम्पन्न सभी काज //13.//

क़ानून व्यवस्था श्रेष्ठतम, ना दिया मृत्युदण्ड
धर्मनिरपेक्ष राज्य में, था उचित धर्मदण्ड //14.//

राज किया था आपने, मात्र अड़तीस साल
अब भी सारे विश्व में, देते लोग मिसाल //15.//

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