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30 Jun 2023 · 1 min read

ग़ज़ल

बजा बन गये हो जीने की मेरी….
बिन आपकें जीना है, सजा…

धड़कन में जाना ऐसे बसे हो, जैसे हो सुहानी फिजा…
खुशियों की मेरी सौगात हो तुम…

दूरी एक पल की हो ना कभी भी…
कर्म बस इतनी कर दे खुदा…

बनके इनायत, इबादत करू मैं, महकती रहें तू सदा…
चाहत मैं अपनी इतना असर हो, एक दूजे में हो अपना पता…

@ ✍️🌸🪴🌸

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