जिंदगी रुठ कर इस कदर कहाँ जाएगी
आपके लबों पे मुस्कान यूं बरकरार रहे ,
फैला था कभी आँचल, दुआओं की आस में ,
नवल वर्ष का नवल हर्ष के साथ करें हम अभिनंदन
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उनके दामन से आती है खुश्बू सूकुन की.
■ कथ्य के साथ कविता (इससे अच्छा क्या)