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23 Jun 2023 · 1 min read

तितली संग बंधा मन का डोर

तितली संग बंधा मन का डोर
भ्रमण करे फूल – फूल पर

उथल-पुथल मन रहता हैं
देता समुद्र जैसा आभास

जुगनू का चिर ज्योति यह मन
अंतिम निशा तक टिमटिमाते

लिपटे लिए आकांक्षा का पिटारा
व्याकुल मन दावंतन करे समय से

बेचैन मन ,उलझे सुलझे सवाल
बार -बार करे उत्तर की तलाश

निश्छल प्रेम पसंद मन करे
आघात देता एक दूजा मन

जीवन की अंतिम शाम मन
मोक्ष प्राप्त हो ये शांत मन ।।

-गौतम साव
वेस्ट बंगाल
9378322196

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