Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jun 2023 · 1 min read

नज़्म – झरोखे से आवाज

झरोखे से आवाज

आजकल झरोखे से हवा बाहर जाती नहीं है।
हृदयगत भावनाएँ उथल पुथल मचाती नहीं है।

सड़क पर बैठकर बस, देख लेती है तमाशा,
अन्याय के खिलाफ आवाज उठाती नहीं है।

फिक्र है नहीं खुदा की खुदाई से क्या वास्ता,
दर्प में चूर ये सत्य को अपनाती नहीं है।

गर झूठ बोले तो वाह! वाही का नाद गुंजेगा,
यहाँ महफिल सच्चे तराने सुन पाती नहीं है।

मशाल जलाने की कहें तो यहाँ हाथ काँपते है,
अम्बर सी मेरे पास वो छाती नहीं है।

दुष्यंत जी ने कहा था चिंगारी ढूंढ लाने को,
मगर अब यहाँ तेल से भीगी हुई बाती नहीं है।

किसी और की क्या सोचें खुद भी सलामत कहाँ,
यही सोच हमारी जोखिम उठाती नहीं है।

इस गुलशन में हवा का रुख बदला सा लगे,
शायद अब कोई चमन ये महकाती नहीं है।

दूर क्षितिज पर एक असंभव का संभव होना,
ये इंसानी निगाहें वो असर देख पाती नहीं है।

खुद को बदला तो जग बदला “मुसाफिर”,
वरना ये भयानक रुत कभी जाती नहीं है।।

रोहताश वर्मा “मुसाफिर”

1 Like · 332 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कुछ कुंडलियां
कुछ कुंडलियां
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
#बाउंसर :-
#बाउंसर :-
*प्रणय प्रभात*
अगर आपमें क्रोध रूपी विष पीने की क्षमता नहीं है
अगर आपमें क्रोध रूपी विष पीने की क्षमता नहीं है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
#5_सबक
#5_सबक
पूर्वार्थ
तेरी चेहरा जब याद आती है तो मन ही मन मैं मुस्कुराने लगता।🥀🌹
तेरी चेहरा जब याद आती है तो मन ही मन मैं मुस्कुराने लगता।🥀🌹
जय लगन कुमार हैप्पी
हर बात को क्यूं लेते हो दिल में।
हर बात को क्यूं लेते हो दिल में।
DR. RAKESH KUMAR KURRE
प्रेम कहानी
प्रेम कहानी
Vibha Jain
चुनाव
चुनाव
विशाल शुक्ल
"प्रेम"
शेखर सिंह
इंसानियत की लाश
इंसानियत की लाश
SURYA PRAKASH SHARMA
आशियां टूटा है कि जाऊं किधर जाऊं में
आशियां टूटा है कि जाऊं किधर जाऊं में
कृष्णकांत गुर्जर
2992.*पूर्णिका*
2992.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विवाहोत्सव
विवाहोत्सव
Acharya Rama Nand Mandal
गणतंत्र दिवस  के पावन पर्व पर मंच को समर्पित   ...
गणतंत्र दिवस के पावन पर्व पर मंच को समर्पित ...
sushil sarna
शापित रावण (लघुकथा)
शापित रावण (लघुकथा)
Indu Singh
एक मुस्कान कठिनाइयों पर वैसे ही काम करती है जैसे सूरज बादलों
एक मुस्कान कठिनाइयों पर वैसे ही काम करती है जैसे सूरज बादलों
ललकार भारद्वाज
चक्रवृद्धि प्यार में
चक्रवृद्धि प्यार में
Pratibha Pandey
“बायोमैट्रिक उपस्थिति”
“बायोमैट्रिक उपस्थिति”
Neeraj kumar Soni
"गुरु की कसौटी"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रदर्शन
प्रदर्शन
Sanjay ' शून्य'
इक टीस जो बाकि है
इक टीस जो बाकि है
डॉ. एकान्त नेगी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
Kèo Tài Xỉu 789 mang đến trải nghiệm giải trí hấp dẫn, nơi b
Kèo Tài Xỉu 789 mang đến trải nghiệm giải trí hấp dẫn, nơi b
keotaixiu789 com
*लंक-लचीली लोभती रहे*
*लंक-लचीली लोभती रहे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बिछड़ गए साथी सब
बिछड़ गए साथी सब
SATPAL CHAUHAN
मेरा विचार ही व्यक्तित्व है..
मेरा विचार ही व्यक्तित्व है..
Jp yathesht
नहीं, अब नहीं,-----------मैं
नहीं, अब नहीं,-----------मैं
gurudeenverma198
अजनबी
अजनबी
लक्ष्मी सिंह
दिल के पहरेदार
दिल के पहरेदार
C S Santoshi
Though nobody can go back and make a new beginning... Anyone
Though nobody can go back and make a new beginning... Anyone
पूर्वार्थ देव
Loading...