Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
20 Jun 2023 · 1 min read

दस्तूर ए जिंदगी

जिंदगी किसी की, आसान नहीं होती
बिन मेहनत, कोई महान नहीं होती

मिथ्या मार्ग हमें, क्षणिक हर्ष दे सकती
पर तृप्ति और चैन हमारी, छिन ही लेती

मनुष्य निज जिंदगी जो भी, सोच सकता
अगर वह ठान लें तो, वह कर भी सकता

बेशक शाम ढलेगी, फिर सवेरा भी आएगी
आखिर भानु कब तक ही, छिपी रह पाएगी

शांत बने रहो जब तक, सफलता न मिलती
विफल वाचाल को कभी, दुनिया न पूछती

बड़ी बड़ी दुविधा को जूझ, लोग उभर रहे
और हम न उभरने का, बहाना ही ढूंढ रहे ।

Loading...