बिछुड़ कर तुम से
बिछुड़ कर तुम से
यूँ तो काट ही लेंगे जिन्दगी हम
जो उठेगी हूक, लफ़्ज़ों में उतार लेंगे हम
बहुत मुश्किल होता है, बिछुड़ के जी पाना
तो क्या….
मर मर के ही सही जिन्दगी गुजार लेंगे हम
हिमांशु Kulshreshtha
बिछुड़ कर तुम से
यूँ तो काट ही लेंगे जिन्दगी हम
जो उठेगी हूक, लफ़्ज़ों में उतार लेंगे हम
बहुत मुश्किल होता है, बिछुड़ के जी पाना
तो क्या….
मर मर के ही सही जिन्दगी गुजार लेंगे हम
हिमांशु Kulshreshtha