सुविचार
“ताक़त खत्म होने का जहां अंदेशा होता है, वहां बेदर्दी से अमानवीय एजेंडा फिट किया जाता है।“
~ डा. मुसाफ़िर बैठा
“ताक़त खत्म होने का जहां अंदेशा होता है, वहां बेदर्दी से अमानवीय एजेंडा फिट किया जाता है।“
~ डा. मुसाफ़िर बैठा