Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2023 · 2 min read

चलो दो हाथ एक कर ले

चलो दो हाथ एक कर ले
आज फिर किसी का साथ कर ले
मुनासिब नही की वो साथ चल पायेगा!मगर
जरा सी तुम पहल कर दो शुरू ;शायद! वो चला आयेगा ।।

चलो दो विचार एक कर ले।
समझौते की दरार को फिर से बांट ले।
मुमकिन नही कि वो;खुद को हम मे ढाल पायेगा!मगर
ज़रा सा खुद को उस से जोड़े ;शायद! वो जुड़ आयेगा ।।

चलो दो काम हस्ती! एक कर ले ।
आज फिर किसी का हम हाथ बांट ले।
यकीनन झूठ नही हित से की वो हमसे जुड़ जायेगा मगर
ज़रा सी कोशिश से अपनी हस्ती!कहीं ;वो दिल से जरूर !शुक्रिया कह आयेगा ।।

चलो दो कदम फिर से एक साथ चल लें ।
राह गुजर रास्तों को ज़रा एक कर ले ।
आसान नही मालुम है मुझे आज भी रास्ते का डगर मगर
ज़रा सी कोशिश करके देखे कदम रोककर अपने; आज नही कल कदम जरूर मिलायेगा ।।

चलो आज दोहरे वक्त को फिर एक कर ले
नवीनता की आड़ मे आज फिर पुरातन को जोड़ ले।
माना की बदलते वक्त को फिर से दोहराया नही जा सकता मगर!
ज़रा सी कोशिश से शायद हस्ती!कहीं पुरातन की छांव मे;नवनीत संवरने आयेगा ।।

चलो आज बेजान बोलते शब्दो को एक कर ले ।
शब्द के मतिभ्रम को फिर से भेद ले।
मुमकिन नही शब्दों को अलग कर पाना आज
मगर
वक्त के साथ जरूर देख लेना :शब्द अपना दम दिखा जायेगा ।।

चलो आज दो गम एक कर ले ।
किसी के आंखों में खुशी के आसूं भर ले।
मालुम है हस्ती!अखरता रहेगा तु उसके दिल में आज भी मगर!
ख़ालिस्तान उसके दिल मे कहीं आज भी शुक्रिया!है जरूर !जो उसकी बुझती आंखों में दिख जाएगा ।।

चलो आज बुझती लो को सहारा दे ले।
ना उम्मीद के अंधेरों मे एक उजाल दे ले ।
मालुम है हमे वो टूट चुका है अब अपनी उम्मीद से मगर
हर्ज क्या है कोशिश करने मे हस्ती!शायद!कभी वो जाग जायेगा ।
स्वरचित कविता
सुरेखा राठी

5 Likes · 3 Comments · 641 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

अब चिंतित मन से  उबरना सीखिए।
अब चिंतित मन से उबरना सीखिए।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
चिड़िया ( World Sparrow Day )
चिड़िया ( World Sparrow Day )
Indu Nandal
अब आदमी के जाने कितने रंग हो गए।
अब आदमी के जाने कितने रंग हो गए।
सत्य कुमार प्रेमी
तमाम उम्र अंधेरों ने मुझे अपनी जद में रखा,
तमाम उम्र अंधेरों ने मुझे अपनी जद में रखा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वजह.तुम हो गये
वजह.तुम हो गये
Sonu sugandh
जन्म से मरन तक का सफर
जन्म से मरन तक का सफर
Vandna Thakur
जब भर पाया ही नहीं, उनका खाली पेट ।
जब भर पाया ही नहीं, उनका खाली पेट ।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
चिंगारी
चिंगारी
Jai Prakash Srivastav
घर और घर की याद
घर और घर की याद
डॉ० रोहित कौशिक
किसी की फर्माइशे नाज़ उठाने में,
किसी की फर्माइशे नाज़ उठाने में,
श्याम सांवरा
मुक्तक
मुक्तक
आचार्य ओम नीरव
वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है।
वो पिता है साहब , वो आंसू पीके रोता है।
Abhishek Soni
अब क्या करे?
अब क्या करे?
Madhuyanka Raj
मौसम को मत छेड़िए , दहकेगी फिर अग्नि ।
मौसम को मत छेड़िए , दहकेगी फिर अग्नि ।
Neelofar Khan
दिल की बात को जुबान पर लाने से डरते हैं
दिल की बात को जुबान पर लाने से डरते हैं
Jyoti Roshni
"अनैतिक कृत्य" की ज़िम्मेदारी "नैतिक" कैसे हो सकती है प्रधान
*प्रणय प्रभात*
कितनी सुहावनी शाम है।
कितनी सुहावनी शाम है।
जगदीश लववंशी
हमें कोटला सुल्तान सिंह चलना चाहिए
हमें कोटला सुल्तान सिंह चलना चाहिए
Mahesh Tiwari 'Ayan'
4814.*पूर्णिका*
4814.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
तुझे जब फुर्सत मिले तब ही याद करों
Keshav kishor Kumar
चतुर्थ रूप कूष्मांडा
चतुर्थ रूप कूष्मांडा
Dr Archana Gupta
कौन कहाँ कब
कौन कहाँ कब
©️ दामिनी नारायण सिंह
"चलो जी लें आज"
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'
शीर्षक : भगवान दिखता क्यों नहीं है तू।*
शीर्षक : भगवान दिखता क्यों नहीं है तू।*
shashisingh7232
मां
मां
Dheerja Sharma
मां
मां
Dr.Priya Soni Khare
किंकर्तव्यविमूढ़
किंकर्तव्यविमूढ़
Shyam Sundar Subramanian
*कांटों की सेज*
*कांटों की सेज*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
"किवदन्ती"
Dr. Kishan tandon kranti
मजदूर की व्यथा
मजदूर की व्यथा
Rambali Mishra
Loading...