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13 Jun 2023 · 1 min read

अब भी बाकी है..

कुछ अनकहे किस्से,
चंद अधूरे ख्वाब,
कुछ भूली बिसरी याद
कुछ वादे – कुछ मुलाकात
यही तो हैं…
बाकी मुझमें
जो अधूरी उम्मीद जगाती है
साँसों को जारी रखती है

हिमांशु Kulshreshtha

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