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10 Jun 2023 · 1 min read

नारी

कभी दुर्गा कभी काली
सरस्वती है लक्ष्मी भी वो
नारी है जगत जननी
है रानी लक्ष्मीबाई भी वो

ममता का सागर है
प्रेम का गागर है
दया की मूरत है
सहनशीलता की सूरत है

नारी है सम्मान
नारी है महान
जननी है ये
स्त्रीत्व है उससे
वही है पालनहार
नारी तू निश्छल पावन
पतित पावनी तू ही गंगा

नारी तेरे रूप अनेक
तू ही मदर टेरेसा
तू ही अहिल्याबाई

कभी बेटी कभी माँ
नाम कई रूप अनेक
करती सब कुछ अर्पण
प्रेम भाव सब करती समर्पण।

ममता रानी
झारखंड

2 Likes · 253 Views
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