Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
9 Jun 2023 · 1 min read

माँ: खूबसूरत अहसास...!!!!

कभी छोटे थे…..
बचपन था, नादानी थी।
आज जब वक़्त के तराजू में खुद को देखा……
तो पाया, बची थी बचपन की वो यादें, कुछ माँ के प्यार की निशानी थी।
मेरी हर सफ़लता का कारण मेरी माँ है…..
याद है मुझे- कितने सपनों की लाश जलाई, दी कितनी कुर्बानी थी।
मेरी माँ की तो सिर्फ़ समर्पण की कहानी थी
माँ है मेरे पास, ये ही मेरे लिए पर्याप्त है…..
माँ सृष्टि के कण- कण में व्याप्त है।
मेरी माँ से मेरी साँस है…..
जीवन की डोर उनसे है, उनसे ही जीवन जीने की आस है।
मेरी हर ख़ुशी तब तक है…..
जब तक मेरी माँ मेरे पास है।
जब भी हताश हुई, जब भी निराश हुई…..
दिया मेरी माँ ने मुझे विश्वास है।
माँ ख़ुद में ही कितना खूबसूरत अहसास है…..
मेरी माँ इस सम्पूर्ण जगत में सबसे ख़ास है।
-ज्योति खारी

Loading...