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8 Jun 2023 · 1 min read

बंधन मोक्ष का बनता कारण

मन ही शत्रु मन ही मित्र
मन ही चिंतन मन ही चरित्र
मन से ही है दशा-दिशा
मन से ही है कर्म समृद्ध.
मन ही शक्ति मन ही ताकत
मन ही साथी मन ही साहस
हरता विकार दुर्बलता मन
उमंग आनंद की देता चाहत.
सत्य-असत्य और क्रोध तबाही
पग-पग पर देता है गवाही
भावनाओं में है रोता हंसता
मन रहता गतिमान सदा ही.
मन ही दर्पण मन ही दर्शन
मन ही राग वैराग तपोवन
मन से ही संगीत सुहाना
समस्त कामना जीवन है मन.
जहां तहां करता मन विचरण
प्रयत्न शील रहता है क्षण-क्षण
बंधन मोक्ष का बनता कारण
खुद ही मन करता अवलोकन.
भारती दास ✍️

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