Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
8 Jun 2023 · 1 min read

बट विपट पीपल की छांव 🐒🦒🐿️🦫

बट विपट पीपल की छांव
🌴🌿🐎🐄🦜🦗🐝🏏

बरगद पीपल तुलसी तरु
भांग धतूरा दूर्वा पात
बेलपत्र चंदन पुंगी द्रुम
आम अमरूद पूजा रूख

देवी- देवों का धरा वास
बट विपट पीपल बेमिसाल
श्रद्धा आस्था एक तरुवर
अक्षय तृतीया बट सावित्री

सुहागिनों का सुहाग रुक्ष
प्रकृति अमूल्य एक उत्पाद
गांव बीच नगर नदी किनारे
चौक चौराहे बट पीपल

छांव में मुसाफिर थक
थकान दूर भगा उमंग
उत्साह का बैठकी बनाते
बट पीपल नीचे गांव नगर

पंचायत खाप लगा अमल
फ़रमान पारित कर सुनाते
विस्तृत बट पीपल शाखीय
छांव नव पल्लव कोमलता

बैठ नीचे आराम फरमाते
गांव गवाही के अचूक दर्शक
रक्षा सुहाग सिंदूर बट विपट
पीपल की अचल एक गाछी

परिक्रमा पानी डाल मौली
बंधन बांध ग्रह गोचर दूर
करने की उपाय सुलझाते
आस्था विश्वास आम्रपाली

मूले ब्रह्मा त्वचा छाले विष्णु
शाखास्त्रे महेश्‍वर शिव निवास
फ़रियाद पूरी करते इनकी मुराद
विस्तृत कद काठी विशाल मूल

नगर गांव का पहचान बनाते
नीले अंबर वट पीपल की छांव
पशु पक्षी जीव जंतु तोते चश्म
अपनी विभिन्न संवादो से

कल की योजना तय करते
बट विपट पीपल नव डाली
नीचे हरियाली सघन पाती
गांव पंचायत सभा खाप

पंडाल बना प्राकृतिक शुद्ध
हवा ठण्डी मन मस्तिक में
शुभ विचार करुणा भाव से
पर्यायवरण की रक्षा कराते

गाय भैंस बकरी चरवाहे
चीटा चींटी चढ़ उतर बूढ़े
बच्चे नवयुवक उछल कूद
फ़ान घोड़ दौड़ लगाते

कुदरत एक अनोखा डाली
शिक्षा संस्थान विश्वविद्यालय
का स्मृति पहचान प्रतीक ये
बुद्ध के ज्ञानों का बोधि वृक्ष

बट विपट पीपल शाखीय
छांव सभी के मन को भाते

कविवर : –
तारकेश्‍वर प्रसाद तरूण

Loading...