मैं कुछ इस तरह
मैं कुछ इस तरह
खुद को समझा पाती हूँ
जब भी तन्हा होती हूँ
तो करीब तुझे ही पाती हूँ..!!
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद
मैं कुछ इस तरह
खुद को समझा पाती हूँ
जब भी तन्हा होती हूँ
तो करीब तुझे ही पाती हूँ..!!
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद