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7 Jun 2023 · 1 min read

कविता : किसी नज़र ने

लूट लिया दिल किसी नज़र ने, असर न मिटनेवाला है।
किसी नज़र ने दर्द दिया वो, कभी न घटनेवाला है।।
नज़रें कितने रंग दिखाती, समझ न कोई पाया है;
समझ गया जो दीवाना है, उल्फ़त करनेवाला है।।

किसी नज़र ने पीर समझकर, हँसकर गले लगाया है।
ख़ुद की ख़ुशियाँ सभी लुटाकर, मेरा दर्द मिटाया है।।
किसी नज़र ने नज़र लगाई, पागल ही कर डाला है;
किसी नज़र से पागलपन भी, हार गया घबराया है।।

तेरी नज़रें मतवाली हैं, मैं इनका दीवाना हूँ।
इनपर अपनी जान लुटा दूँ, बहुत चाहनेवाला हूँ।।
इश्क़ किया है पाक़ मुहब्बत, एक रुहानी नाते में;
लाख मुसीबत झेल मुसाफ़िर, मंज़िल पानेवाला हूँ।।

#आर.एस. ‘प्रीतम’
#स्वरचित रुबाइयाँ

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