Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2023 · 1 min read

प्रतीक्षा-पत्र

साॅंझ का धुंधलका
मन में उतर गया।
वक्त के साथ -साथ
सब कुछ बदल गया।
पंगु होती जा रही
बूढ़ी माँ की आस।
कुंठाऍं घेर रही
मन का आकाश।
कजरारी ऑंखों में
पानी भर गया।
प्रतीक्षारत सिन्दूर
गम में ढल गया।
कब निकलेगी यह
कंटीली फांस?
क्या उसे होता नहीं
दर्द का अहसास?
पैसा नहीं सब कुछ
सोच दिल भर गया।
तड़पता है वह भी
जब से निकल गया।
खींचता है अपनों का
स्नेह और विश्वास‌।
अपनी माटी की
सौंधी- सौंधी सांस।
दिल का दर्द
कागज पे उतर गया।
लौटूंगा जल्दी ही
हरफों में ढल गया।
प्रतीक्षा में चमकेगी
ऑंखें उदास।
साॅंझ का धुंधलका
बनेगा प्रकाश।
—प्रतिभा आर्य,
अलवर (राजस्थान)

Language: Hindi
15 Likes · 8 Comments · 546 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
View all

You may also like these posts

प्रेम
प्रेम
Dinesh Kumar Gangwar
आज हम ऐसे मोड़ पे खड़े हैं...
आज हम ऐसे मोड़ पे खड़े हैं...
Ajit Kumar "Karn"
रमल मुसद्दस महज़ूफ़
रमल मुसद्दस महज़ूफ़
sushil yadav
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मर्यादा पुरुषोत्तम राम
मर्यादा पुरुषोत्तम राम
Dr.sima
उसकी होठों की मुस्कान,
उसकी होठों की मुस्कान,
Vivek Kumar Yadav
3679.💐 *पूर्णिका* 💐
3679.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
तुम बूंद बूँद बरसना
तुम बूंद बूँद बरसना
Saraswati Bajpai
मेरी प्रतिभा
मेरी प्रतिभा
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
*बाल कविता*-
*बाल कविता*-
Vindhya Prakash Mishra
😊 चलो हॉट सीट पर 😊
😊 चलो हॉट सीट पर 😊
*प्रणय प्रभात*
कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी
कौन है जिसको यहाँ पर बेबसी अच्छी लगी
अंसार एटवी
कलयुग और महाभारत
कलयुग और महाभारत
Atul "Krishn"
Maje me-Gajal
Maje me-Gajal
Dr Mukesh 'Aseemit'
नाम या काम
नाम या काम
Nitin Kulkarni
शब की गहराई में सुरमई इश्क़ की कहानी,
शब की गहराई में सुरमई इश्क़ की कहानी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"जीवन की परिभाषा"
Dr. Kishan tandon kranti
सबक
सबक
manjula chauhan
हाय रे ज़िंदगी!!!!!
हाय रे ज़िंदगी!!!!!
Mahesh Ojha
कुछ ऐसे भी लोग कमाए हैं मैंने ,
कुछ ऐसे भी लोग कमाए हैं मैंने ,
Ashish Morya
*इन्टरनेट का पैक (बाल कविता)*
*इन्टरनेट का पैक (बाल कविता)*
Ravi Prakash
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हर लम्हे में
हर लम्हे में
Sangeeta Beniwal
ज़माना साथ होगा
ज़माना साथ होगा
Surinder blackpen
मनु-पुत्रः मनु के वंशज...
मनु-पुत्रः मनु के वंशज...
डॉ.सीमा अग्रवाल
बूढ़ी माँ ...
बूढ़ी माँ ...
sushil sarna
जिसने जीवन सौगात दिये, उस प्रेमिल माता को नमन।
जिसने जीवन सौगात दिये, उस प्रेमिल माता को नमन।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
*दिल जल रहा है*
*दिल जल रहा है*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
18--- 🌸दवाब 🌸
18--- 🌸दवाब 🌸
Mahima shukla
"जो इंसान कहलाने लायक नहीं,
पूर्वार्थ
Loading...