Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2023 · 1 min read

सभ्यता गुम हो गई है

**सभ्यता गुम हो गई है कहीं और
असभ्य आदमी ढूंढ रहा है उसको
बहुत लगन से बाजारों में
, थककर, कबाड़ो और बूचड़खानों में
आदमी आदमी की टांग खींच
,समय मिलते ही रौंद कर बढ़ जाना चाहता है बहुत आगे, एकछत्र राज

भागम भाग कर शायद थका नही है ,
हाथ से हाथ छूट रहे हैं इसी उत्साह में ,
एकछत्र राज,
रिश्ते रिस नही रहे
घिस रहे हैं बहुत ज्यादा ,
बेखौफ अजनबी हवाओ के साथ समझोता,
बोझिल सांसे , उबाई आ रही है ,शायद उसे नही

वक्त का गुलाम, अपनों से दूर , अपरिचित भाषा ,
संवेदनहीन व्यवहार ,
बदल डाला संसार ,नियम कैद, स्वार्थ की जेल में

हर ओर एक ही चर्चा ,
अधूरे लोग क्यों दिखाई दे रहे हैं चारो तरफ ,
आदमी जड़,
चेतना शून्य ,खोज रहा है अपने को दूसरो में , मृग तृष्णा और क्या
खोज जारी है
**

257 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सतीश पाण्डेय
View all

You may also like these posts

श्रद्धा
श्रद्धा
OM PRAKASH MEENA
भारतीय इतिहास का दर्शनशास्त्र (Philosophy of Indian History)
भारतीय इतिहास का दर्शनशास्त्र (Philosophy of Indian History)
Acharya Shilak Ram
मैं नारी हूँ
मैं नारी हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
विचार
विचार
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
करें स्वागत सभी का हम जो जुड़कर बन गए अपने
करें स्वागत सभी का हम जो जुड़कर बन गए अपने
DrLakshman Jha Parimal
/•• शिव-शम्भू ••/
/•• शिव-शम्भू ••/
Chunnu Lal Gupta
Shankarlal Dwivedi reciting his verses in a Kavi sammelan.
Shankarlal Dwivedi reciting his verses in a Kavi sammelan.
Shankar lal Dwivedi (1941-81)
*अपनी धरती छह ऋतुओं की, इसकी हर छटा निराली है (राधेश्यामी छं
*अपनी धरती छह ऋतुओं की, इसकी हर छटा निराली है (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
एक फूल को सवांरने में,
एक फूल को सवांरने में,
श्याम सांवरा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
SURYA PRAKASH SHARMA
Spectacular Superman
Spectacular Superman
Chitra Bisht
कोई पागल हो गया,
कोई पागल हो गया,
sushil sarna
" तरकीब "
Dr. Kishan tandon kranti
सुन्दरता
सुन्दरता
लक्ष्मी सिंह
इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
इस उरुज़ का अपना भी एक सवाल है ।
Phool gufran
मुसाफिरखाना है ये दुनिया
मुसाफिरखाना है ये दुनिया
ओनिका सेतिया 'अनु '
मेरे पिता क्या है ?
मेरे पिता क्या है ?
रुपेश कुमार
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
Keshav kishor Kumar
नई खिड़की
नई खिड़की
Saraswati Bajpai
मेरे महबूब ने मुझको साहिल अपना बनाया है।
मेरे महबूब ने मुझको साहिल अपना बनाया है।
Madhu Gupta "अपराजिता"
4102.💐 *पूर्णिका* 💐
4102.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
एक लम्हा है ज़िन्दगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमारी माँ
हमारी माँ
Pushpa Tiwari
गुलामी तेरे हुस्न की----------- ?☺️
गुलामी तेरे हुस्न की----------- ?☺️
gurudeenverma198
अब कहां वो बात रही
अब कहां वो बात रही
अनिल कुमार निश्छल
मातृदिवस
मातृदिवस
Satish Srijan
सरकारी स्कूल और सरकारी अस्पतालों की हालत में सुधार किए जाएं
सरकारी स्कूल और सरकारी अस्पतालों की हालत में सुधार किए जाएं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
अगर युवराज का ब्याह हो चुका होता, तो अमेठी में प्रत्याशी का
अगर युवराज का ब्याह हो चुका होता, तो अमेठी में प्रत्याशी का
*प्रणय प्रभात*
दुनिया के सभी देश , में भाता है ये भारत
दुनिया के सभी देश , में भाता है ये भारत
Neelofar Khan
तुम्हारी कहानी
तुम्हारी कहानी
PRATIK JANGID
Loading...