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23 Jun 2016 · 1 min read

हुनर

हुनर

गूंथे जाते है माला में पुष्प वही
हर मौसम में खिलने का जो हुनर जानते है ।।

मुरझाये पुष्प स्वयं ही अक्सर,
शाखाओ से टूटकर बिखर जाया करते है ।।



डी. के. निवातियाँ ??

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