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2 Jun 2023 · 1 min read

तेरा एहसास

तेरा एहसास गर नहीं होता ।
दामन इतना भी तर नहीं होता।।
तुम समझ लेते मेरी ख़ामोशी।
कोई शिकवा भी फिर नहीं होता।।
ख़ौफ खाते अगर गुनाहों से।
मौत का भी फिर डर नहीं होता।।
एक होती हमारी मंज़िल भी।
मुश्किल इतना सफ़र नहीं होता।।
तेरा एहसास गर नहीं होता।
दामन इतना भी तर नहीं होता।।

– डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
12 Likes · 824 Views
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