Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
1 Jun 2023 · 1 min read

भाग्य पर अपने

अभावों में देखों खो रहा बचपन ।
स्वयं को स्वयं ही ढो रहा बचपन ।।
राष्ट्र की अनमोल जो धरोहर है।
भाग्य पर अपने रो रहा बचपन ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Loading...