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31 May 2023 · 1 min read

#हवन हिया में

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★ #हवन हिया में ★

हवन हिया में धूमधूम
कहा करें हम सुनाने हमें
रूठ जाया करें कभी
आए न कोई मनाने हमें

हवन हिया में . . .

अपना पराया न हो कोई
न कोई जाने हमें
इक पगलायी-सी पवन
बादल आवारा पहचाने हमें

हवन हिया में . . .

सांसों के झुरमुट से परे
चाहतों की बस्तियाँ
सूखे पेड़ों के तने
संग अपने ताने हमें

हवन हिया में . . .

सपनों की बंद सीपियाँ
मोती झरे जो रैनदिन
स्मृतियों की श्यामा झालरें
आए हैं सब लेजाने हमें

हवन हिया में . . .

सहमी धुपीली रौनकें
ठिठकी पर्वकिलकारियाँ
अधखिली कलियाँ आस की
रखती हैं अब सिरहाने हमें

हवन हिया में . . .

हार लेकर जीत के
वचनों की ले परछाइयाँ
मनसा वाचा कर्मणा
भूत खड़े अपनाने हमें

हवन हिया में . . .

शब्दों की सीमा उस छोर तक
जिस छोर आदि अंत है
कथा व्यथा गीत कविता
हैं अभी बहुत गाने हमें

हवन हिया में धूमधूम . . . !

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

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