Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2023 · 1 min read

मंजिल छूते कदम

पंख मेरे छोटे हैं, इरादे तो ऊँचे हैं
उस पार बुलबुले हैं, इस पार सपने है।
कांच की दीवारें हैं, कैद में नजारे है
नन्हे से हौसले है, इन्द्र धनुषी इरादे हैं।
हजारों ख्वाहिशें हैं, लाखों उम्मीदें है
पल चाहे कितने हैं, मुट्ठी में समाये है।
लुप्त होते बुलबुले हैं, खूबसूरत नजारे है
जीवन भले छोटे हैं, जीने के ढंग अनोखे है।
हम न कभी हारे हैं, हार कर भी जीते हैं
यूँ तो कदम उठाये हैं, छू‌के मंजिल आये हैं।

Language: Hindi
2 Likes · 320 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
बिखरे सपनों की ताबूत पर, दो कील तुम्हारे और सही।
Manisha Manjari
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
एक दीप हर रोज जले....!
एक दीप हर रोज जले....!
VEDANTA PATEL
अति हर्षित होकर चले, सब बारिश में स्कूल।
अति हर्षित होकर चले, सब बारिश में स्कूल।
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
छठ पूजन
छठ पूजन
surenderpal vaidya
साथ छोड़ दिया....
साथ छोड़ दिया....
Jyoti Roshni
तुम अगर स्वच्छ रह जाओ...
तुम अगर स्वच्छ रह जाओ...
Ajit Kumar "Karn"
प्रेम और घृणा से ऊपर उठने के लिए जागृत दिशा होना अनिवार्य है
प्रेम और घृणा से ऊपर उठने के लिए जागृत दिशा होना अनिवार्य है
Ravikesh Jha
तुमसे मिलके
तुमसे मिलके
Mamta Rani
बहुत खुश था
बहुत खुश था
VINOD CHAUHAN
आज का कल
आज का कल
Nitu Sah
चिंतन
चिंतन
गुमनाम 'बाबा'
#जीवन_दर्शन
#जीवन_दर्शन
*प्रणय प्रभात*
*कर्मठ व्यक्तित्व श्री राज प्रकाश श्रीवास्तव*
*कर्मठ व्यक्तित्व श्री राज प्रकाश श्रीवास्तव*
Ravi Prakash
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
gurudeenverma198
अपने ही घर से बेघर हो रहे है।
अपने ही घर से बेघर हो रहे है।
Taj Mohammad
आईने में ...
आईने में ...
Manju Singh
सुमन मधुकर प्रीत
सुमन मधुकर प्रीत
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
"बचपन"
Dr. Kishan tandon kranti
"हमें कहा मालूम था कि इश्क़ होता क्या है !
Vishal Prajapati
तुमने छोड़ा है हमें अपने इश्क और जिस्म का नशा कराकर।
तुमने छोड़ा है हमें अपने इश्क और जिस्म का नशा कराकर।
Rj Anand Prajapati
4310.💐 *पूर्णिका* 💐
4310.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
जग सारा पण्डित बने, पढ़ कर चार किताब।
जग सारा पण्डित बने, पढ़ कर चार किताब।
Kalamkash
लाख समझाओ इनको, समझते नहीं ,
लाख समझाओ इनको, समझते नहीं ,
Neelofar Khan
बदलती दुनियां
बदलती दुनियां
Lokesh kochle aka Lankesh
बस चार ही है कंधे
बस चार ही है कंधे
Rituraj shivem verma
Let us converse with ourselves a new this day,
Let us converse with ourselves a new this day,
Ami
शिव ही सत्य
शिव ही सत्य
Rajesh Kumar Kaurav
शरद काल
शरद काल
Ratan Kirtaniya
एक बड़ी कीमत
एक बड़ी कीमत
Minal Aggarwal
Loading...