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29 May 2023 · 1 min read

प्रेम

मैं, तुम्हें
अपने प्रेम में
नहीं बाँध सकता,
तुम आज़ाद हो
आज़ाद रहो;
मैं नहीं चाहता हूँ
तुम मेरे
प्रेम के बंधन में बँधकर
अपनी
कल्पनाओं का विस्तार
अनंत ब्रह्मांड से समेटकर
समुद्र की एक बूँद पर लाकर
केंद्रित कर दो।

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