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7 Jun 2023 · 1 min read

सृजन पथ पर

सृजन पथ पर बढ़े अगर,
तो बाधाएँ संग आएँगी।
शूल बिछा कर पग पग पर,
तुझे देख देख मुस्काएंगी।

अभी राह हैं बेखबर,
तेरे स्वप्नों की दौड़ से।
हँस रही है देख तू आगे,
मंज़िल अगले मोड़ पे।
कड़ी धूप में जो कोमल,
ये आशाएं कुम्हलायेंगी।
दिन बदलेंगे पहले से,
फिर हरी भरी हो जाएंगी।
सृजन पथ पर बढ़े अगर,
तो बाधाएँ संग आएँगी।

पाँव के छाले देखे बिन,
लम्बे डग भरते जाना तू।
प्रत्युत्तर में शब्द नही, बस
करके सदा दिखाना तू।
पर्णकुटी तेरे सपनों की,
शीशमहल कहलाएगी।
इतिहास के पन्नों में
गाथाएं गूँथी जाएँगी।
सृजन पथ पर बढ़े अगर,
तो बाधाएं संग आएँगी।

Language: Hindi
3 Likes · 421 Views
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