Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2023 · 1 min read

“देशभक्ति की अलख”

देशभक्ति की अलख, हृदय में जलाकर देख।
तब तू भी वतन का रखवाला,देशभक्त कहलायेगा।
राष्ट्रप्रेंम की भावना, अंतर में जगा कर देख।
अपने अन्दर भी एक नेक इन्सान पायेगा।

अपने शौर्य,पराक्रम की अमिट कहानी लिख।
मातृभूमि की आन पर सर कटाना सीख।
जब माथे पर मात्रृभूमि का तिलक लगाएगा।
तब तू भी राष्ट्र का वीर सपूत कहलाएगा।

आईने से चेहरे को कब तक छुपाएगा?
आतंकी मुखड़े से नकाब कब हटायेगा?
जब तू देश के प्रति समर्पित हो जाएगा ।
तब जाकर जीवन तेरा सार्थक कहलाएगा।।

राकेश चौरसिया

Language: Hindi
1 Like · 296 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राकेश चौरसिया
View all

You may also like these posts

"सच्चा प्रेमी"
Dr. Kishan tandon kranti
डरो ना
डरो ना
विशाल शुक्ल
They say,
They say, "If it's meant to be, it'll happen."
पूर्वार्थ
ABC8 đã trở thành cái tên quen thuộc trong giới cá cược trực
ABC8 đã trở thành cái tên quen thuộc trong giới cá cược trực
ABC8 Nhà cái
आनंद
आनंद
Rambali Mishra
खुद से ज़ब भी मिलता हूँ खुली किताब-सा हो जाता हूँ मैं...!!
खुद से ज़ब भी मिलता हूँ खुली किताब-सा हो जाता हूँ मैं...!!
Ravi Betulwala
माना सांसों के लिए,
माना सांसों के लिए,
शेखर सिंह
नाविक तू घबराता क्यों है
नाविक तू घबराता क्यों है
Satish Srijan
अकेलापन
अकेलापन
krupa Kadam
विश्वासघात से आघात,
विश्वासघात से आघात,
लक्ष्मी सिंह
अजीब बैचैनी है मुझ में………
अजीब बैचैनी है मुझ में………
shabina. Naaz
जग की तारणहारी
जग की तारणहारी
Vibha Jain
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-150 से चुने हुए श्रेष्ठ 11 दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मोम की गुड़िया
मोम की गुड़िया
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
जागरण
जागरण
Shekhar Deshmukh
भेद
भेद
Dr.Pratibha Prakash
“मैं फ़िर से फ़ौजी कहलाऊँगा”
“मैं फ़िर से फ़ौजी कहलाऊँगा”
Lohit Tamta
“किरदार भले ही हो तकलीफशुदा  ,
“किरदार भले ही हो तकलीफशुदा ,
Neeraj kumar Soni
तुम्हे वक्त बदलना है,
तुम्हे वक्त बदलना है,
Neelam
धड़कनों ने इबादत शुरु कर दी,
धड़कनों ने इबादत शुरु कर दी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कागज़ पे वो शब्दों से बेहतर खेल पाते है,
कागज़ पे वो शब्दों से बेहतर खेल पाते है,
ओसमणी साहू 'ओश'
पथिक🧑‍🦯
पथिक🧑‍🦯
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सहज बन जाती
सहज बन जाती
Seema gupta,Alwar
छल ......
छल ......
sushil sarna
दोहरापन
दोहरापन
Nitin Kulkarni
घनाक्षरी गीत...
घनाक्षरी गीत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
आज के समाज का यह दस्तूर है,
आज के समाज का यह दस्तूर है,
Ajit Kumar "Karn"
4090.💐 *पूर्णिका* 💐
4090.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
इतना भी अच्छा तो नहीं
इतना भी अच्छा तो नहीं
शिव प्रताप लोधी
तुही मेरा स्वाभिमान है
तुही मेरा स्वाभिमान है
जय लगन कुमार हैप्पी
Loading...