Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
24 May 2023 · 1 min read

राष्ट्र निर्माता शिक्षक

आठ बजे से आठ बजे तक
शिक्षक को आराम नहीं है।
समय से पहले आना,
सबके बाद जाना लगा रहता
ऐसे समय पाबन्दो का ।
घन्टी घन्टी,वर्ग वर्ग मे
जाना आंना जारी रहता
एक साथ ही पढ़ना और पढ़ाना
इन्हें तनिक विश्राम नहीं है
आठ बजे से आठ बजे तक
शिक्षक को आराम नहीं है।
हाथ में डस्टर खल्ली जेब में
पेन आंख पर पावर चश्मा,
है इनकी पहचान।।
चॉक खल्ली के धूल से
करते ये भस्मी श्रृंगार,
मां वीणा वादिनी के वरद पुत्र ये
वाणी से करते ज्ञान झंकार,
जिसे सुन बच्चे संवालते
अपने कल को,
कल का भी है यही पुकार।
बच्चों के भविष्य संवालने,
ज्ञान विज्ञान में रहते अंतर्ध्यान।
अपने और अपनों पर इनका
तनिक नही है ध्यान
आठ बजे से आढ बजे तक
शिक्षक को आराम नहीं है।
ऐसी ओगड़ बम भोला को
कौन सुधा पीने देता
मान सम्मान अपमान को
हलाहल कर दिन-रात करते
निरंतर विद्या दान।
आठ बजे से आढ बजे तक
शिक्षक को आराम नहीं है
देश हितऔर राष्ट्र निर्माण में
किया इन्होंने सर्वस्व दान,
असतो मा सद्गमय तमसो मा ज्योतिर्गमय का महामंत्र पढ़ा
करते ये विश्व कल्याण।
रात दिन करते ये काम
इन्हें तनिक विश्राम नहीं है
इन्हें तनिक आराम नहीं है ।
आठ बजे से आठ बजे तक
शिक्षक को आराम नहीं है।
प्रस्तुतकर्ता : –
तारकेश्वर प्रसाद तरुण
पुस्तकालयाध्यक्ष

Loading...