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23 May 2023 · 1 min read

कल न होगा

सुनो ध्यान से अवनि वालों,
यदि धरा में जल न होगा।
प्राण ह्रदय से उखड़ जाएंगे,
तब तुम जानो कल न होगा।।1।।

आधुनिकता में जीने वालों,
यदि कृषक का हल न होगा।
तड़पेंगे सब तीव्र क्षुधा में,
तब खाने कोई फल न होगा।।2।।

समय के रहते सजग भी जाओ,
यदि आवरण शीतल न होगा।
तब सूख जाएंगे सरोवर सारे,
अंजुलि भर भी जल न होगा।।3।।

हमें अपने कर्मो को करने,
मन जब तक निर्मल न होगा।
दुश्मन से निपटेंगे कैसे,
यदि भुजा में बल न होगा।।4।।

स्वरचित
तरुण सिंह पवार

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