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22 May 2023 · 1 min read

इस बार भी

इस बार भी नहीं प्रकट
हर बार की तरह,
कि,
पुनः आरम्भ हुए संवाद की
अवधि कितनी होगी….?
कहीँ
एक बार फिर
यह अन्तहीन चुप्पी का
सूत्रपात तो नहीं ?
यह ठीक किसी कविता के उदय की तरह है
जैसे नहीं पता होता कि अगली रचना
कब फूटेगी….
फूटेगी भी या नहीं…..?
©निकीपुष्कर

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