Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
21 May 2023 · 1 min read

टेसू गीत

बहक गए टेसू निरे, फैले चहुँ, छतनार
मौसम पाती लिख रहा, ठगिनी बहे बयार
Bahak Gaye Tesuअष्‍ट सिद्धि नौ निधि भरा, देत थके को छाँव
नंद गाँव भी धन्‍य है, धन्‍य आप का गाँव

पीले फूलों से सजी, सरसों की सौगात
कहती ज्‍यों सौगंध से, छुओ न हमरे गात

भीग गए ये कंठ पर, पलक न भीजें आज
नैन झुके, झुकते गए, चुनरी लाल सलाज

बरसाना रंग-रस हुआ संग ढोलक की थाप
सुबह सुहानी आप से, श्‍याम सलोनी छाप

काँधे पर अब हल नहीं, कर्ज़-कंस जंजीर
डर-झर रहे न साल भर, सुन हलधर के वीर

माटी सोना उगलेगी, गोवर्धन रख पास
वर्धन ‘गृह उद्योग’ का देगा नित-नित आस

∼ क्षेत्रपाल शर्मा
मो. 7983654429

Loading...