Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 May 2023 · 1 min read

*बदकिस्मत थे, जेल हो गई 【हिंदी गजल/गीतिका】*

बदकिस्मत थे, जेल हो गई 【हिंदी गजल/गीतिका】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
बदकिस्मत थे, जेल हो गई
खुशकिस्मत थे, बेल हो गई
(2)
कोई सिस्टम कहीं नहीं है
न्याय-व्यवस्था फेल हो गई
(3)
सब डिब्बों में परिवारी-जन
राजनीति यों, रेल हो गई
(4)
चला मुकदमा इतने दशकों
दिल की धड़कन फेल हो गई
(5)
लगा मुकदमा ,खर्चे की गति
पैसेंजर थी , मेल हो गई
——————————————–
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

781 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

भाव - श्रृंखला
भाव - श्रृंखला
Shyam Sundar Subramanian
फूल भी माली भी
फूल भी माली भी
विजय कुमार अग्रवाल
हिन्दू जागरण गीत
हिन्दू जागरण गीत
मनोज कर्ण
अपना अपना कर्म
अपना अपना कर्म
Mangilal 713
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
*परिमल पंचपदी--- नवीन विधा*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
#ग़ज़ल-
#ग़ज़ल-
*प्रणय प्रभात*
मैं सरिता अभिलाषी
मैं सरिता अभिलाषी
Pratibha Pandey
यूं ही मंज़िल मिला न करती
यूं ही मंज़िल मिला न करती
AMRESH KUMAR VERMA
प्रेम
प्रेम
Rambali Mishra
दोहा पंचक. . . . मनवा
दोहा पंचक. . . . मनवा
sushil sarna
सोना मना है
सोना मना है
Shekhar Chandra Mitra
अगर मैं गलत हूं तो सही कौन है,अगर तू सही है तो गलत कौन है
अगर मैं गलत हूं तो सही कौन है,अगर तू सही है तो गलत कौन है
पूर्वार्थ
लूट कर चैन दिल की दुनिया का ,
लूट कर चैन दिल की दुनिया का ,
Phool gufran
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
" टैगोर "
सुनीलानंद महंत
जीवन और महाभारत
जीवन और महाभारत
Suryakant Dwivedi
"मौत"
राकेश चौरसिया
“लफ़्ज़-लफ़्ज़ नश्तर हैं,अर्थ में नसीहत  है।
“लफ़्ज़-लफ़्ज़ नश्तर हैं,अर्थ में नसीहत है।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
कोरे कागज पर इश्क़ की इबारत लिखी थी।
कोरे कागज पर इश्क़ की इबारत लिखी थी।
श्याम सांवरा
जोर जवानी चुटकी में।
जोर जवानी चुटकी में।
Kumar Kalhans
*भ्रष्टाचार*
*भ्रष्टाचार*
Dushyant Kumar
मेरे पापा
मेरे पापा
Pooja Singh
- सच्ची अनुभूति -
- सच्ची अनुभूति -
bharat gehlot
Words
Words
Shashi Mahajan
" ऊँचाई "
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा तो इश्क है वही, कि उसने ही किया नहीं।
मेरा तो इश्क है वही, कि उसने ही किया नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
Stepping out of your comfort zone is scary.
Stepping out of your comfort zone is scary.
पूर्वार्थ देव
ज़िंदगी कुछ नहीं हक़ीक़त में
ज़िंदगी कुछ नहीं हक़ीक़त में
Dr fauzia Naseem shad
आजकल लोग का घमंड भी गिरगिट के जैसा होता जा रहा है
आजकल लोग का घमंड भी गिरगिट के जैसा होता जा रहा है
शेखर सिंह
4178.💐 *पूर्णिका* 💐
4178.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...