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19 May 2023 · 1 min read

23 पहला नशा !

मेरे दिल को बेक़ाबू तेरी एक झलक ने किया।
नज़रें जब मिलीं, सजदा तेरी पलक ने किया।।

फ़िज़ाओं में भी ख़ूब मुश्क की घटा थी छायी।
मेरी मदहोशी को बेचैन तेरी महक ने किया।।

जब आँखों का पहरा लगाया तेरी रुख़सार पे।
नींदों का क़त्ल तेरी आँखों की चहक ने किया।।

संभाला था मैँ ने अक्सर ख़ुद को कसम देकर।
पर कसम को ज़ब्त तेरे दिल की धड़क ने किया।।

मेरे दिल की धड़कन ने भी तेरी इबादत जब की।
हमारी मुहब्बत को तब पाकीज़ा फ़लक ने किया।।

मो• एहतेशाम अहमद
अण्डाल, पश्चिम बंगाल, इंडिया

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