Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
19 May 2023 · 1 min read

आज के रिश्ते हुए हैं रोडलाइट (नवगीत)

नवगीत_8
———————-
आज के रिश्ते
हुए हैं रोड लाइट ।

व्यस्त निजता में यहाँ इंसान साये के
स्वार्थ उपजा जल गए रिस्ते किराये के
हो गए हैं पास
तारों से पहुँच से दूर सब
खा गई अपनत्व
वैरी बेबसाइट ।

भाव के प्रहार से दिल टूट जाता है
हाशिये पर दर्द से रोती मनुजता है
सुप्त चिंताएं
हुई है नीम की पत्ती
लोग अच्छे हैं
मगर है स्वाद टाइट ।

आदतें हावी हुई हैं हाथ मलने की
चेंज होती जा रही प्रवृत्ति छलने की
लोग जैसे हो गए हैं
खेत के ढेले
गर्दिशों में गल गये
ले पौष्टिक डाइट ।

रकमिश सुल्तानपुरी

Loading...