Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2023 · 1 min read

*स्वयंवर (कुंडलिया)*

स्वयंवर (कुंडलिया)

मर्यादा में ही दिखे, सीता के पति राम
जनक स्वयंवर का हुआ, सुंदर शुभ परिणाम
सुंदर शुभ परिणाम, राम सीता ने पाए
मर्यादा में राम, वाटिका में मुस्काए
कहते रवि कविराय, रहा मुखमंडल सादा
दिखा न अतिशय हर्ष, नहीं लॉंघी मर्यादा

रचयिता रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा रामपुर उत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451

566 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

बुंदेली दोहा-गर्राट
बुंदेली दोहा-गर्राट
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ना किसी से ईर्ष्या, ना किसी से कोई होड़,
ना किसी से ईर्ष्या, ना किसी से कोई होड़,
Ranjeet kumar patre
*सिंदूर हिंद का अभिमानी, सिंदूरी अब जयकारा है (मुक्तक)*
*सिंदूर हिंद का अभिमानी, सिंदूरी अब जयकारा है (मुक्तक)*
Ravi Prakash
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" सैल्यूट "
Dr. Kishan tandon kranti
पागल मन .....
पागल मन .....
sushil sarna
माटी
माटी
जगदीश लववंशी
खालीपन आ ठहरा
खालीपन आ ठहरा
Surinder blackpen
Readers Books Club:
Readers Books Club:
पूर्वार्थ
मैं बंजारा बन जाऊं
मैं बंजारा बन जाऊं
Lodhi Shyamsingh Rajput "Tejpuriya"
Love
Love
Sanjay Narayan
*आहा! आलू बड़े मजेदार*
*आहा! आलू बड़े मजेदार*
Dushyant Kumar
धज्जियां उडे़ ना इज्जत की
धज्जियां उडे़ ना इज्जत की
Shinde Poonam
सुप्रभात
सुप्रभात
डॉक्टर रागिनी
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
थोड़ा सा अजनबी बन कर रहना तुम
शेखर सिंह
😊सुप्रभातम😊
😊सुप्रभातम😊
*प्रणय प्रभात*
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
तुझको मांग लेते हैँ
तुझको मांग लेते हैँ
Mamta Rani
*Hail Storm*
*Hail Storm*
Veneeta Narula
इज़्जत भरी धूप का सफ़र करना,
इज़्जत भरी धूप का सफ़र करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
धन से आप दुनिया की कोई भी वस्तु खरीद सकते है।
धन से आप दुनिया की कोई भी वस्तु खरीद सकते है।
Rj Anand Prajapati
हे अगर तुझमे जुनून,
हे अगर तुझमे जुनून,
sonu rajput
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
आखिर मैं हूं ऐसी क्यों
Lovi Mishra
सब कुछ खोजने के करीब पहुंच गया इंसान बस
सब कुछ खोजने के करीब पहुंच गया इंसान बस
अश्विनी (विप्र)
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
बहुत मुश्किल होता हैं, प्रिमिकासे हम एक दोस्त बनकर राहते हैं
Sampada
तो आपका प्रतिद्वंदी कौन है?
तो आपका प्रतिद्वंदी कौन है?
पूर्वार्थ देव
बचपन और पचपन
बचपन और पचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
3918.💐 *पूर्णिका* 💐
3918.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मैं पतंग तू मांजा...
मैं पतंग तू मांजा...
Manisha Wandhare
रब ने  क़दमों में  जन्नत रखी है ,
रब ने क़दमों में जन्नत रखी है ,
Neelofar Khan
Loading...