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17 May 2023 · 1 min read

ज़िंदगी के रंगों में ढलता चला गया

जिंदगी के रंगों में ढलता चला गया,

अपने ग़मों को धुएं में उड़ाता चला गया,

हयात के मुसाफिरों से मिलता चला गया

डगर की धुन गुनगुनाता चला गया |

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