Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
14 May 2023 · 1 min read

जिन्दगी भर दर्द का सेहरा मिला

जिन्दगी भर दर्द का सेहरा मिला ।
एक तो’हफा प्यार में ऐसा मिला ।।

याद तन्हाई तड़प रुसवाईयाँ ;
साथियों का ऐसा’ भी मजमा मिला ।

उम्र भर जिसके लिए रोते रहे ;
वो मेरे अंदर मुझे जिन्दा मिला ।

वक्त ने जिस पर लगाई बेड़ियाँ ;
वो परिंदा भी फलक छूता मिला ।

बाँध लो जागीर कितनी भी मगर ;
दौरे’-रुक्सत पर बताना क्या मिला ।

चोट खाए लाख चेहरे रो पड़े ;
और उनपर दर्द भी हँसता मिला ।

जख्म सहकर खुद हँसाता है मुझे ;
यार मुझको मोम के जैसा मिला ।

गौर से देखा जो मैंने भीड़ में ;
मेरा’ दुश्मन खुद मे’रा साया मिला ।

अब खिलौना टूट जाये गम नहीं ;
जब दिलों का हाल ही टूटा मिला ।

कद मेरा नापा सभी ने आज तक ;
मैं उठा तो आसमां बौना मिला ।

आज देखा जब जेेहन में झाँक कर ;
एक बेबस आदमी रोता मिला ।

दर्द ‘स्मित’ कौन बाँटेगा यहाँ ;
जो मिला वो ही बहुत तनहा मिला ।

राहुल द्विवेदी ‘स्मित’

Loading...