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14 May 2023 · 1 min read

तू कहता है कि तू प्यासा नहीं है

तू कहता है कि तू प्यासा नहीं है ।
समन्दर है तो क्यों दिखता नही है ।।

अगर खामोश है कुछ बात होगी ;
ये उसका कुदरती लहजा नहीं है ।

मुकम्मल आदमी होगा भी कैसे ;
वो अब तक खुद को ही समझा नही है ।

परेशां है तेरी नाराजगी से ;
वगरना दिल कभी हारा नहीं है ।

किसी मुफ़लिस की खातिर एक फुलका ;
इनायत है, महज टुकड़ा नहीं है ।

तेरी फरमाइशें, शर्तें मेरी जाँ ;
मुहब्बत है कोई सौदा नहीं है ।

राहुल द्विवेदी ‘स्मित’

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