Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
7 May 2023 · 1 min read

*मिला दूसरा संडे यदि तो, माँ ने वही मनाया【हिंदी गजल/गीतिका 】*

मिला दूसरा संडे यदि तो, माँ ने वही मनाया【हिंदी गजल/गीतिका 】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
मिला दूसरा संडे यदि तो, माँ ने वही मनाया
कहाँ सुनिश्चित दिवस एक, माँ के हिस्से में आया
(2)
कभी आठ है मई कभी, नौ दस ग्यारह या बारह
मई माह रविवार दूसरा, ऐसे माँ ने पाया
(3)
छुट्‌टी है रविवार अगर, तो टाइम तुमको देंगे
दुनिया में बेटों ने अपनी, माँ को यह बतलाया
(4)
चलो गिफ्ट देने चलते हैं, वृद्धाश्रम में माँ को
संडे का यों बहू और, बेटे ने प्लान बनाया
(5)
खुद पकवान बनाती है, पर अक्सर चख-भर पाती
खुद खाने से पहले माँ ने, सबको खूब खिलाया
—————————————————
रचयिता :रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

Loading...