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28 Apr 2023 · 1 min read

इंसान हूं मैं आखिर ...

इंसान हूं मैं कोई फरिश्ता तो नहीं ,
नादानियां भी मैने बहुत की होंगी ।

तू खुदा है बख्श सके तो बख्श दे,
तेरी रहमत में कोई कमी न होगी ।

इंसान हूं तभी ऐब से भरा हुआ हूं,
तेरी नजर नजरंदाज कर सकती होगी।

कितनी दुश्वारियों से भरी हुई हैं जिंदगी ,
तुझे मेरे हालातों की खबर जरूर होगी ।

इस पाक,सादा दिल की कीमत क्या है ?,
इस जहां को नहीं ,तुझे तो मालूम होगी ।

मुझे तो तुझसे प्यार भी है शिकवा भी ,
मगर तुझे भी तो मुझसे शिकायत होगी ।

मेरे दिल में है बहुत से जज्बातों के तूफान ,
कुछ कसक तेरे दिल में भी उठती होगी।

मैं इंसान हूं गिरता और संभलता रहता हूं ,
ईमान को मेरे तेरी रहबरी की जरूरत होगी ।

इंसान तो हूं मगर तेरा ही तो शाहकार हूं,
क्या तेरे ज़हन में कोई तस्वीर न बनी होगी ।

बनाया है मुझे तो कुछ सोच के ही बनाया होगा ,
मेरी हस्ती की संवारने की जिम्मेवारी तेरी होगी।

तू ही मेरा रहबर है मेरे खुदा ! रास्ता दिखा ,
मैं तो इंसान हूं आखिर ,मुझमें लियाकत न होगी ।

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