शे'र
शे’र
गला ही घोट देता है वो अपनी तिश्नगी का
मैं उसको ज़हर लगता हूँ सो पीता ही नहीं है
– अनीस शाह ‘अनीस ‘
शे’र
गला ही घोट देता है वो अपनी तिश्नगी का
मैं उसको ज़हर लगता हूँ सो पीता ही नहीं है
– अनीस शाह ‘अनीस ‘